सोमवार, 21 दिसंबर 2009

जय हनुमान



प्रस्तुत है, गुंडेचा बंधुओं के स्वर में ध्रुपद में हनुमान भजन। ध्रुपद हमारी संगीत की प्राचीन गायन शैली है। यह शैली ओजस्वी और वीर रस से परिपूर्ण होती है। हनुमान तेज और शौर्य की प्रतिमूर्ति हैं और उनकी महिमा व गुणों का गान ध्रुपद द्वारा ही किया जा सकता है।
जय बजरंग बली